खून के छींटे मेरे चेहरे पर पड़े... पहलगाम हमले की 3 दर्द भरी कहानियां, पढ़कर कांप जाएगी रूह

हमले में अपने पिता संतोष जगदाले और अंकल कौस्तुभ गणबोटे को खोने वाली आसावारी जगदाले ने इस भयावह घटना को बयान करते हुए कहा कि हमलावर इंसान नहीं बल्कि राक्षस थे. आसावारी ने बताया, 'हम बैसरन घाटी में मिनी स्विटजरलैंड कहे जाने वाली जगह पर फोटोशूट कर रहे थे, तभी अचानक गोलियों की आवाज आई'.

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