स्वर कोकिला लता का वो गाना, जिसकी वजह से आशिकों में रुक गई आत्महत्याएं, 57 साल बाद आज भी सुनते हैं लोग
इस सॉन्ग को दिवंगत पार्श्वगायिका और स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने गाया था. इस गाने के बोल इंदीवर ने लिखे थे. कल्याणजी-आनंदजी ने गाने को अपने संगीत से सजाया था.
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