भारत-अमेरिका बीटीए के करीब

विनोद शील

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत प्रारंभ होने वाली है। भारतीय वार्ताकार शीघ्र ही वॉशिंगटन डीसी जाएंगे जहां वे औपचारिक बातचीत की शुरुआत करेंगे। दोनों देशों की कोशिश है कि जल्द से जल्द समझौता हो जाए। अगर सब कुछ सही रहा तो साल के अंत से पहले ये डील पूरी हो जाएगी। बातचीत में डिजिटल टैक्स और टैरिफ में कटौती जैसे कई मुद्दों पर भी बात होगी।
इस बीच भारत दौरे पर आए अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने यह घोषणा की कि मैं इस बात को लेकर उत्साहित हूं कि भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के मसौदे के बिंदुओं पर सहमति बन गई है। दोनों देशों के बीच वर्तमान में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे यानी बीटीए पर वेंस ने कहा कि अमेरिका एक निष्पक्ष समझौते का हिमायती है जिससे दोनों देशों को फायदा हो। उपराष्ट्रपति वेंस का यह भारत दौरा चार दिवसीय है। सोमवार को उन्होंने अपनी पत्नी उषा वेंस व तीन बच्चों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। दो दिनों के लिए उनका दौरा निजी भी है।
उपराष्ट्रपति वेंस ने राष्ट्रपति ट्रंप के पारस्परिक शुल्क लगाने के फैसले से दुनियाभर में उपजी चिंताओं पर भी अपनी सरकार की स्थिति स्पष्ट की और कहा, ‘आलोचक कहते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रेड वार बाहर से नौकरियों को अमेरिका लाने के लिए छेड़ा है, जो सच नहीं है। वह अमेरिका के भारत जैसे मित्र देशों से वैश्विक कारोबार को संतुलित करना चाहते हैं ताकि साथ मिलकर भविष्य बनाया जा सके। फरवरी, 2025 में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने इस सदी के अंत तक द्विपक्षीय कारोबार को 500 अरब डालर करने का लक्ष्य रखा है और वे दोनों इसको लेकर काफी गंभीर हैं। दोनों देशों की सरकारें काफी कठिन मेहनत कर रही हैं ताकि ऐसा कारोबारी समझौता किया जा सके।
वेंस ने कहा कि 21वीं सदी का एक चौथाई हिस्सा निकल गया है। अब 75 वर्ष शेष हैं। 21वीं सदी का यह भविष्य भारत व अमेरिका के रिश्तों की मजबूती से तय होगा। वेंस ने चीन का नाम तो नहीं लिया, लेकिन हिंद प्रशांत क्षेत्र की स्थिति का जिक्र किया और कहा कि अमेरिका भारत को इस क्षेत्र की सबसे मजबूत इकॉनोमी बनाना चाहता है। इससे इस क्षेत्र में स्थिरता आएगी।
डिजिटल टैक्स और टैरिफ जैसे मुद्दों पर होगी बात
अमेरिका के साथ प्रस्तावित समझौते में 19 चैप्टर होंगे। इसमें कई तरह के मुद्दे शामिल होंगे। जैसे कि डिजिटल टैक्स से जुड़े नियम, टैरिफ में कटौती और गैर-टैरिफ उपाय।
बातचीत के तौर-तरीकों में यह तय किया गया है कि किन मुद्दों पर बात होगी। साथ ही, यह भी तय किया गया है कि तकनीकी पहलुओं पर कैसे काम होगा। जैसे कि नियमों की उत्पत्ति या कस्टम में आसानी। हालांकि, अभी तक कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दिया गया है।
बीटीए वार्ता के लिए भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल की टीम वॉशिंगटन डीसी में तीन दिनों तक बातचीत करेगी। इस दौरान आगे की राह पर चर्चा होगी। एक अधिकारी ने कहा, “दोनों पक्ष महत्वाकांक्षा के स्तर पर चर्चा करेंगे। संदर्भ की शर्तों को और विकसित किया जाएगा और उन पर चर्चा की जाएगी।”
टैरिफ पर है ट्रंप का खास फोकस
सूत्रों का कहना है कि सेवाओं को दूसरे चरण में शामिल किया जा सकता है। सरकार सेवाओं पर खास ध्यान दे रही है। ट्रंप ने ज्यादातर टैरिफ पर ध्यान केंद्रित किया है। वे चाहते हैं कि अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण उत्पादों पर शुल्क कम किया जाए। ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर टैरिफ को लेकर आलोचना की है। वे ऑटोमोबाइल, व्हिस्की और कृषि उत्पादों जैसे क्षेत्रों में शुल्क कम करना चाहते हैं।
दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दों पर बन सकती है सहमति
उल्लेखनीय है कि मार्च की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने के लिए सहमत हुए थे लेकिन उसके बाद से दोनों देशों ने एक-दूसरे पर टैरिफ लगाए हैं। ट्रंप ने 90 दिनों के लिए टैरिफ को रोकने का प्रस्ताव दिया है। इससे दोनों देशों को कुछ आसान मुद्दों पर सहमति बनाने का मौका मिल सकता है। सूत्रों का कहना है कि ये तभी मुमकिन है जब अमेरिका बातचीत करने को तैयार हो क्योंकि दुनिया भर के देश अमेरिका से टैरिफ से बचने के तरीके जानने के लिए वॉशिंगटन जा रहे हैं।
बीटीए से होगा फायदा
सूत्रों के अनुसार भारत, अमेरिका के साथ बीटीए को अंतिम रूप देने के करीब पहुंच गया है। इसमें प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत शून्य सीमा शुल्क पर आयात करने की सुविधा होगी और इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार करने में भी मदद मिलेगी। यह जानकारी सोमवार 21 जनवरी को पैंटोमैथ ग्रुप की कंपनी असित सी मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स लिमिटेड (एसीएमआईआईएल) की रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि बीटीए से डिफेंस, क्लीन एनर्जी और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग में उच्च स्तरीय अमेरिकी टेक्नोलॉजी आयात के भी रास्ते खुलेंगे।
भारत-ब्रिटेन में ट्रेड डील लगभग अंतिम चरण में
भारत और ब्रिटेन के बीच भी एक व्यापार समझौता होने वाला है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने विगत दिनों कहा कि भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते के ज्यादातर पहलुओं को अंतिम रूप दे दिया है। दोनों देशों के बीच निवेश संधि पर भी बातचीत शुरू हो गई है।
बातचीत के तौर-तरीकों में यह तय किया गया है कि किन मुद्दों पर बात होगी। साथ ही, यह भी तय किया गया है कि तकनीकी पहलुओं पर कैसे काम होगा। जैसे कि नियमों की उत्पत्ति या कस्टम में आसानी। हालांकि, अभी तक कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दिया गया है। बीटीए वार्ता के लिए भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल की टीम वॉशिंगटन डीसी में तीन दिनों तक बातचीत करेगी। इस दौरान आगे की राह पर चर्चा होगी। एक अधिकारी ने कहा, दोनों पक्ष महत्वाकांक्षा के स्तर पर चर्चा करेंगे। संदर्भ की शर्तों को और विकसित किया जाएगा और उन पर चर्चा की जाएगी।
टैरिफ पर है ट्रंप का खास फोकस
सूत्रों का कहना है कि सेवाओं को दूसरे चरण में शामिल किया जा सकता है। सरकार सेवाओं पर खास ध्यान दे रही है। ट्रंप ने ज्यादातर टैरिफ पर ध्यान केंद्रित किया है। वे चाहते हैं कि अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण उत्पादों पर शुल्क कम किया जाए। ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर टैरिफ को लेकर आलोचना की है। वे ऑटोमोबाइल, व्हिस्की और कृषि उत्पादों जैसे क्षेत्रों में शुल्क कम करना चाहते हैं।
दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दों पर
बन सकती है सहमति
उल्लेखनीय है कि मार्च की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने के लिए सहमत हुए थे।
ट्रंप ने 90 दिनों के लिए टैरिफ को रोकने का प्रस्ताव दिया है। इससे दोनों देशों को कुछ आसान मुद्दों पर सहमति बनाने का मौका मिल सकता है। सूत्रों का कहना है कि ये तभी मुमकिन है जब अमेरिका बातचीत करने को तैयार हो क्योंकि दुनिया भर के देश अमेरिका से टैरिफ से बचने के तरीके जानने के लिए वॉशिंगटन जा रहे हैं।
बीटीए से होगा फायदा
सूत्रों के अनुसार भारत, अमेरिका के साथ बीटीए को अंतिम रूप देने के करीब पहुंच गया है। इसमें प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत शून्य सीमा शुल्क पर आयात करने की सुविधा होगी और इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार करने में भी मदद मिलेगी।
यह जानकारी सोमवार 21 जनवरी को पैंटोमैथ ग्रुप की कंपनी असित सी मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स लिमिटेड (एसीएमआईआईएल) की रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि बीटीए से डिफेंस, क्लीन एनर्जी और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग में उच्च स्तरीय अमेरिकी टेक्नोलॉजी आयात के भी रास्ते खुलेंगे।
भारत-ब्रिटेन में ट्रेड डील
लगभग अंतिम चरण में
भारत और ब्रिटेन के बीच भी एक व्यापार समझौता होने वाला है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने विगत दिनों कहा कि भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते के ज्यादातर पहलुओं को अंतिम रूप दे दिया है। दोनों देशों के बीच निवेश संधि पर भी बातचीत शुरू हो गई है।

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