शी जिनपिंग ट्रेड वॉर को बनाएंगे ‘आपदा में अवसर’? जानें चीन के पड़ोसी देशों की उनकी यात्रा खास क्यों
अमेरिका और चीन में फुल-स्केल ट्रेडवॉर जारी है. यानी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग एक-दूसरे पर बढ़ाकर टैरिफ लगाने में कोई संकोच नहीं कर रहे हैं. ऐसे में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग सोमवार, 14 अप्रैल को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का दौरा शुरू करते हुए वियतनाम पहुंचेंगे. यहां वह बढ़ते ट्रेडवॉर के बीच पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश करेंगे.
शी का यह पांच दिनों का दौरा वियतनाम से शुरू हो रहा है जो अपने आप में मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस है. यहां के नेताओं के मुलाकात के बाद वो मलेशिया और कंबोडिया की यात्रा के लिए रवाना होंगे. कंबोडिया के लिए कपड़ा और जूता निर्माण का क्षेत्र उसकी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है.
शी जिनपिंग का यह दौरा खास क्यों है?
उम्मीद जताई जा रही है कि चीन संभवतः इस यात्रा का उपयोग इस बात पर जोर देने के लिए करेगा कि वह अमेरिका के उलट इन पड़ोसी देशों के लिए एक स्थिर पार्टनर है. वह ट्रंप के टैरिफ पॉलिसी की ओर इशारा करके इन देशों को डील करने के लिए राजी करना चाहेगा. ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और उसमें बार-बार के परिवर्तन ने इन निर्यात-निर्भर देशों को सकते में डाल दिया है.
वियतनाम और कंबोडिया, दोनों ही अमेरिकी टैरिफ से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. दोनों पर ट्रंप ने क्रमशः 46% और 49% का टैरिफ लगाया था, जिसे अभी उन्होंने 10 प्रतिशत बेसिक टैरिफ के साथ 90 दिनों के लिए टाल दिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि शी जिनपिंग सोमवार को वियतनाम के साथ दर्जनों समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगें. वियतनाम के एक प्रमुख अखबार में शी जिनपिंग ने दोनों देशों से बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली, स्थिर वैश्विक औद्योगिक- आपूर्ति श्रृंखलाओं और खुले- सहकारी अंतरराष्ट्रीय वातावरण की दृढ़ता से रक्षा करने का आग्रह किया. उन्होंने बीजिंग की यह बात भी दोहराई कि "व्यापार युद्ध और टैरिफ युद्ध से कोई विजेता नहीं बनेगा और संरक्षणवाद कहीं नहीं ले जाएगा".
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व अमेरिकी व्यापार वार्ताकार स्टीफन ओल्सन ने कहा कि शी जिनपिंग के दौरे पर चीन शायद खुद को नियम-आधारित व्यापार प्रणाली के जिम्मेदार नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश करेगा. यानी एक ऐसे देश के रूप में जो नियम के आधार पर व्यापार करता है. जबकि वह अमेरिका को एक ऐसे दुष्ट राष्ट्र के रूप में चित्रित करेंगे जो व्यापार संबंधों के लिए हथौड़े का सहारा लेने का इरादा रखता है."
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