शिक्षा मंत्री ने किया दिल्‍ली के स्‍कूलों का औचक निरीक्षण, मिली खामियां तो अधिकारियों को लगाई फटकार

दिल्‍ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने पटपड़गंज विधानसभा इलाके के चार स्‍कूलों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान शिक्षा मंत्री को निरीक्षण में स्कूलों की जर्जर बिल्डिंग के साथ मूलभूत सुविधाओं जैसे पीने का पानी, साफ शौचालय, लैब की कमी, अध्‍यापकों का अभाव जैसी कई खामियां मिली. मंत्री आशीष सूद ने मौके पर ही मौजूद अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और उन्‍हें चेतावनी देते हुए कहा कि काम में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही सर्वोदय कन्या विद्यालय मंडावली नंबर-3 स्कूल के स्विमिंग पूल की दुर्दशा देखकर विजिलेंस जांच के दिए आदेश. साथ ही कई स्कूलों में मिड डे मील की जांच कर अभिभावकों से स्कूल के बारे में पूरी जानकारी भी हासिल की. 

इन स्‍कूलों का किया निरीक्षण

दिल्‍ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को स्थानीय विधायक रवींद्र सिंह नेगी के साथ उनके विधानसभा क्षेत्र के चार स्कूलों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया. मंत्री ने पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र के मयूर विहार के फेस-2 में स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय, सर्वोदय कन्या विद्यालय मंडावली नंबर-1, सर्वोदय कन्या विद्यालय मंडावली नंबर-3 और राजकीय सह शिक्षा सर्वोदय विद्यालय वेस्ट विनोद नगर का  निरीक्षण किया. निरीक्षण में उनके साथ शिक्षा निदेशक, लोक निर्माण विभाग तथा अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे. 

विधायकों की शिकायत पर कर रहे दौरा

स्कूलों के निरीक्षण के बाद मंत्री आशीष सूद ने कहा कि हम अपने विधायकों की शिकायत पर दिल्ली के स्कूलों में जहां-जहां बिल्डिंग में या फिर शिक्षा व्यवस्था में कोई भी खामी है.  हम उस जगह खुद जाकर निरीक्षण कर रहे हैं. पटपड़गंज  के विधायक रवींद्र सिंह नेगी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के कई जर्जर स्कूल भवन का जिक्र किया था, जिसे देखने के लिए मैं आज यहां पहुंचा हूं.  

स्‍कूलों में पाई कई तरह की खामियां

मंत्री ने कई जगहों पर निरीक्षण के दौरान देखा कि स्कूलों में टीचरों की संख्या या तो बेहद कम हैं या फिर टीचर समय पर नहीं आ रहे हैं और कई स्कूलों में कक्षा के हिसाब से बच्चे क्षमता से बेहद ज्यादा हैं, जिससे उनको ठीक तरह से बैठने की जगह भी नहीं मिल पाती है. 

सूद ने बताया कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा के बजट में 19 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी कर कुल बजट 19291 करोड़ का किया है, जिससे शिक्षा बजट के पैसे से दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों की दशा एवं दिशा में सुधार कर बच्चों को मूलभूत सुविधा मुहैया करवाई जा सके. 

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