फेंसिंग की पार, गड्ढे में छिपे रहे... पहलगाम हमले में कैसे मैसूर के शख्स ने बचाई जान

हम एक घंटे तक गड्ढे में रहे और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते रहे. हमें समझ में नहीं आ रहा था कि हमें उसी स्थान पर रुकना है या बचने के लिए किसी दिशा में भागना था. दोपहर 3.40 बजे एक हेलीकॉप्टर की आवाज सुनाई दी. शाम 4 बजे तक सेना के विशेष बलों ने क्षेत्र को सुरक्षित कर, बचे हुए लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया.

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