वृद्धावस्था पेंशन को लेकर योगी सरकार का बड़ा कदम

संजय द्विवेदी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत पेंशन प्राप्त कर रहे 61 लाख लाभार्थियों का सत्यापन प्रारंभ कर दिया है। नए वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजना का लाभ केवल वास्तविक और पात्र व्यक्तियों को ही मिले, इसके लिए मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को सत्यापन का कार्य 25 मई तक पूरा कराने के निर्देश जारी कर किए गए हैं।
सत्यापन के दौरान जो पेंशनर्स मृतक या अपात्र पाए जाएंगे, उन्हें सूची से हटाकर नए पात्र वृद्धजनों को पेंशन दी जाएगी। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि सरकार बुजुर्गों की सुरक्षा, सम्मान और स्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्ध है। पेंशन राशि पात्र वृद्धजनों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में भेजी जाएगी।
ये है पात्रता का आधार
60 वर्ष या उससे अधिक आयु के ऐसे वृद्धजन, जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में रुपये 46,080 और शहरी क्षेत्रों में रुपये 56,460 से कम है, योजना के पात्र हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सत्यापन बीडीओ और शहरी क्षेत्रों में एसडीएम अथवा ईओ के माध्यम से किया जा रहा है।
गलत सत्यापन पर सख्ती
सत्यापन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु 10 प्रतिशत क्रॉस वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी मंडलीय उप निदेशकों और समाज कल्याण अधिकारियों को दी गई है। यदि किसी जीवित पेंशनर्स को मृतक दिखाया गया तो जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों पर जिलाधिकारी के माध्यम से दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
जीरो पाॅवर्टी से जुड़ेंगे वृद्धजन
जीरो पाॅवर्टी अभियान के तहत चिन्हित परिवारों के 600000+ वृद्धों को पेंशन योजना से जोड़ने की कार्यवाही जारी है। पात्र पाए जाने पर उन्हें जून माह से प्रथम किश्त का भुगतान शुरू किया जाएगा जिससे उनका जीवन यापन थोड़ा सहज हो सके।
तकनीक से जुड़ी पारदर्शिता
पेंशन वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने हेतु आधार प्रमाणीकरण, मोबाइल नंबर और बैंक खातों की लिंकिंग अनिवार्य की गई है। एकीकृत पोर्टल की मदद से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति एक से अधिक पेंशन का लाभ न उठा सके।

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