दहेज के मामलों को रिपोर्ट ना किया जाना दुखद... सुप्रीम कोर्ट ने आखिर क्यों कहा ऐसा, पढ़ें क्या है ये मामला

पीठ ने कहा कि एक संवैधानिक न्यायालय के रूप में, उसे सामाजिक वास्तविकताओं से अवगत होना चाहिए. दहेज प्रथा अभी भी मौजूद है और उल्लंघन के कई मामले रिपोर्ट नहीं किए जाते हैं.

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