बाबासाहेब ने महिलाओं, वंचित वर्गों को समान अधिकार दिलाने के लिए आजीवन संघर्ष किया: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की आज जयंती है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आंबेडकर जयंती पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं. राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बाबासाहेब की तस्वीर के साथ संदेश भी साझा किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संदेश में कहा, 'भारतीय संविधान के शिल्पकार, बाबासाहेब भीमराव रामजी आंबेडकर के जन्म दिवस पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं. अपने प्रेरणादायी जीवन में बाबासाहेब ने अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए अपनी विशेष पहचान बनाई और असाधारण उपलब्धियों से विश्व स्तर पर सम्मान अर्जित किया.'
संदेश में आगे कहा, 'विलक्षण क्षमताओं और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी बाबासाहेब अर्थशास्त्री, शिक्षाविद, न्यायविद और महान समाज सुधारक थे. वे समानता के प्रबल पक्षधर थे. उन्होंने महिलाओं तथा पिछड़े और वंचित वर्गों को समान आर्थिक और सामाजिक अधिकार दिलाने के लिए आजीवन संघर्ष किया. वे शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन और वंचित वर्गों के सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण साधन मानते थे. विभिन्न क्षेत्रों में उनका अमूल्य योगदान भावी पीढ़ियों को राष्ट्र-निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करने के लिए प्रेरित करता रहेगा.'
उन्होंने कहा, 'आइए, इस अवसर पर हम सब डॉ. आंबेडकर की शिक्षाओं और आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें और एक ऐसे भारत का निर्माण करें जहां सामाजिक समरसता और समानता का आदर्श स्वरूप दिखाई दे.'
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी थीं. राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा था, 'हमारे संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं. अपने प्रेरणादायक जीवन में बाबा साहेब ने अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपनी एक अलग पहचान बनाई और अपनी असाधारण उपलब्धियों से दुनिया भर में सम्मान प्राप्त किया.'
बता दें कि हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती मनाई जाती है. यह दिन भारत के संविधान निर्माता, सामाजिक सुधारक और दलित आंदोलन के प्रणेता डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन को चिह्नित करता है. इस अवसर पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम, रैलियां और सांस्कृतिक आयोजन किए जाते हैं, जिसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर की समानता, शिक्षा, और सामाजिक न्याय के योगदान को याद किया जाता है.
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