एक बस ड्राइवर ने बनाया रजनीकांत को सुपरस्टार, दोस्ती की ऐसी मिसाल, पढ़ कर आप भी कहेंगे-हर किसी के पास ऐसा दोस्त होना चाहिए
रजनीकान्त यानी शिवाजीराव गायकवाड सिनेमा के सुपरस्टार हैं. उन्होंने तमिल और हिंदी फिल्मों में नजर आए. उन्हें साउथ इंडिया में खासकर तमिलनाडु में भगवान की तरह पूजा जाता है. उन्होने बतौर एक्टर अपनी शुरुआत राष्ट्रीय फ़िल्म अवार्ड विजेता फ़िल्म अपूर्व रागंगल (1975) से की, जिसके निर्देशक के. बालाचन्दर थे, जिन्हें रजनीकान्त अपना गुरु मानते हैं. हालांकि आज हम बात करेंगे रजनीकांत के उस दोस्त के बारे में, जो दोस्ती के लिए एक मिसाल हैं. रजनीकांत के सबसे अच्छे दोस्त, जिसने उनके हर मुश्किल वक्त में उनका साथ दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने थलाइवा को शोहरत और नाम के बुलंदियों पहुंचाया. दुनिया भले ही थलाइवा को रजनीकांत के नाम से जानती हो, लेकिन अपने दोस्त के लिए वो हमेशा शिवाजी थे और हमेशा रहेंगे.
रजनीकांत का वो दोस्त कोई एक्टर या डायरेक्टर नहीं, बल्कि एक बस ड्राइवर था. जी हां, आपने सही पढ़ा. उस शख्स का नाम राज बहादुर है.रजनीकांत फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले बस कंडक्टर थे. रजनीकांत की आर्थिक स्थिति ने उन्हें रोजी-रोटी कमाने के लिए अलग-अलग काम करने पर मजबूर कर दिया था. रजनीकांत और राज बहादुर दोनों की मुलाकात 1970 में हुई थी, जब वे बैंगलोर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज (BTS) में काम कर रहे थे. जल्द ही, दोनों अच्छे दोस्त बन गए.
यह राज बहादुर ही थे, जिन्होंने रजनीकांत की प्रतिभा को सही मायने में पहचाना और उन्हें एक्टर बनने के अपने सपने को आगे पूरा करने के लिए कहा. एक्टर ने अपनी आर्थिक स्थिति के कारण इस क्षेत्र में जाने से थोड़ा हिचकिचा रहे थे. हालांकि, राज ने इसमें भी उनकी मदद की. राज रजनीकांत के लिए एक सहारा बन गए और उन्हें एक फिल्म संस्थान में दाखिला दिलाया और हर महीने अपनी आधी तनख्वाह उन्हें भेजते थे.
उस समय, राज केवल 400 रुपये कमाते थे, लेकिन उन्होंने अपनी ज़रूरतों और इच्छाओं का त्याग करके रजनीकांत की ज़रूरतों को पूरा किया. इन वर्षों में, रजनीकांत ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और सुपरस्टार बन गए. आज साउथ इंडस्ट्री में इतना बड़ा नाम होने के बावजूद रजनीकांत आज भी राज बहादुर के साथ वही रिश्ता शेयर करते हैं.
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