बंगाल में वक्फ हिंसा: हम छत में छिप गए, कुछ नहीं कर पाए...भीड़ ने घर में घुस बाप-बेटे को मार डाला, परिवार की आंखोंदेखी

'हम अपने घर की छत पर चढ़ गए और छिप गए. हम कुछ नहीं कर सके...' पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा ने ऐसे जख्‍म दिये हैं, जिन्‍हें ताउम्र भरा नहीं जा सकता है. हिंसा के दौरान खौफ के साए में लोग अपनों को बचाने के लिए आगे भी नहीं आ पाए. बस अपनों की मौत का खौफनाक मंजर मुंह बंद कर देखते रहे. पुलिस ने 74 वर्षीय हरगोबिंद दास और उनके बेटे चंदन दास के शवों को शमशेरगंज के जाफराबाद स्थित उनके घर से बरामद किया. शुक्रवार शाम को 300-400 लोगों की भीड़ ने इलाके में घरों और दुकानों पर हमला किया था. हथियारबंद लोग हरगोबिंद दास के घर में घुस गये, दोनों लोगों को बाहर खींच लिया, उनकी पिटाई की और उन्हें गंभीर अवस्था में छोड़ दिया... कुछ ही घंटों में दोनों की मौत हो गई. 

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हिंसा में 25 से अधिक घर और एक दर्जन दुकानें फूंकी

चंदन के भतीजे प्रसेनजीत दास ने शनिवार सुबह मीडिया से अपना दर्द साझा करते हुए कहा, 'हम अपने घर की छत पर चढ़ गए और छिप गए. हम कुछ नहीं कर सके.' रात करीब 9.30 बजे शुरू हुई हिंसा में 25 से अधिक घर और एक दर्जन दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं और एक घंटे से अधिक समय तक जारी रही. मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध की आग में ऐसा धधका कि 3 लोगों की जान चली गई. हाथों में हथियार लिये उपद्रवियों ने कई इलाकों में पथराव किया. गाडि़यों को फूंक डाला. रेलवे ट्रैक को बाधित किया, जिससे कई ट्रेनें रुक गईं. हिंसक प्रदर्शनकारियों ने पुलिसवालों को भी निशाना बनाया. 

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तीन लोगों की मौत 

मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ जारी प्रदर्शन से कथित रूप से जुड़ी हिंसक झड़पों में पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा. सुती और शमशेरगंज जैसे इलाकों में बढ़ती अशांति के बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का आदेश दिया.

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‘अपनी आंखें मूंदे नहीं रह सकते'

न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि जब ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं तो न्यायालय ‘अपनी आंखें मूंदे नहीं रह सकता' और आम लोगों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया. अदालत ने केंद्र और राज्य को 17 अप्रैल को अगली सुनवाई से पहले स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया.

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138 से अधिक लोगों को गिरफ्तार

मुर्शिदाबाद के सुती और शमशेरगंज प्रखंडों में विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने से पिता-पुत्र सहित कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 138 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि संबंधित कानून केंद्र सरकार ने बनाया गया है, उनकी सरकार ने नहीं. मुख्यमंत्री ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'याद रखें, हमने वह कानून नहीं बनाया, जिस पर बहुत लोग नाराज हैं. यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है. इसलिए आप जो जवाब चाहते हैं, वह केंद्र सरकार से मांगना चाहिए.' उन्होंने पूछा, 'हमने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है - हम इस कानून का समर्थन नहीं करते. यह कानून हमारे राज्य में लागू नहीं होगा, तो दंगा किसलिए.'

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केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर बात की. केंद्रीय गृह सचिव ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी से यथाशीघ्र सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा. गृह मंत्रालय ने कहा कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में स्थानीय तौर पर उपलब्ध लगभग 300 बीएसएफ कर्मियों के अलावा पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर पांच और कंपनी तैनात की गईं. गृह मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि केंद्र स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है, उन्होंने पश्चिम बंगाल को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.

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