ऐसा-वैसा नहीं ये है स्नीफर रैट, इस चूहे ने बनाया अनोखा वर्ल्ड रिकॉर्ड, करता है ऐसा काम, आप कहेंगे चूहा ही है या कुछ और
कंबोडिया में एक बारूदी सुरंग सूंघने वाले चूहे ने 100 से ज़्यादा बारूदी सुरंगों और युद्ध के दूसरे अवशेषों को खोजने वाला दुनिया का पहला कृंतक (rodent) बनकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है. जानवरों को प्रशिक्षित करने वाले नॉन-प्रोफिट ऑर्गनाइजेशन अपोपो के अनुसार, रोनिन, अफ्रीकी विशालकाय थैलीदार चूहे ने 2021 से अब तक 109 बारूदी सुरंगों और 15 बिना फटे ऑर्डनेंस आइटम्स को खोजने में कामयाबी हासिल की है.
गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "इसका मतलब है कि अब रोनिन ने चूहे द्वारा खोजी गई सबसे ज़्यादा बारूदी सुरंगों का खिताब अपने नाम कर लिया है." साथ ही, उन्होंने कहा कि चूहे का "महत्वपूर्ण काम" कंबोडियाई लोगों की सुरक्षा में वास्तविक अंतर ला रहा है. रोनिन, जो वर्तमान में पांच साल का है, उसके साथ काम करने वालों ने "मेहनती, मिलनसार और शांत" बताया है.
अपोपो की प्रवक्ता लिली शालोम ने कहा, "रोनिन की सफलता संभवतः उसके शार्प फोकस, स्ट्रॉन्ग वर्क एथिक और प्रॉब्लम सॉल्विंग नेचर से आती है. उसका इंटेलिजेंस और स्वाभाविक जिज्ञासा उसे व्यस्त रहने में मदद करती है. बारूदी सुरंगों को ढूंढना उसके लिए एक मज़ेदार खेल की तरह है."
इस बीच, उसके हैंडलर, फैनी ने कहा, "रोनिन की उपलब्धियां चूहों की अविश्वसनीय क्षमता का प्रमाण हैं. वह सिर्फ़ एक संपत्ति नहीं है, वह एक मूल्यवान साथी और सहकर्मी है."
दूसरे चूहों को करता है ट्रेंड
अपोपो लगभग तीन दशकों से चूहों को बारूदी सुरंगों का पता लगाने का प्रशिक्षण दे रहा है. रोनिन और उसके साथियों को ग्रिड पैटर्न के भीतर व्यवस्थित रूप से काम करने और ज़मीन पर खरोंच करके बारूदी सुरंगों को मार्क करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. चूहे आम तौर पर दिन में 30 मिनट काम करते हैं और एक निश्चित उम्र तक पहुंचने पर रिटायर हो जाते हैं.
1998 में समाप्त हुए गृहयुद्ध के दशकों से पीड़ित, कंबोडिया दुनिया के सबसे भारी बारूदी सुरंगों वाले देशों में से एक बना हुआ है, जहां 1,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि अभी भी दूषित है. यहां प्रति व्यक्ति विकलांगों की संख्या सबसे ज़्यादा है, यहां 40,000 से ज़्यादा लोग विस्फोटकों के कारण अपने अंग खो चुके हैं.
रोनिन से पहले, सबसे ज़्यादा विस्फोटकों का पता लगाने का रिकॉर्ड मगावा के नाम था. मगावा 2021 में रिटायर हुआ, पांच साल की अवधि में उसने 71 बारूदी सुरंगों और 38 अप्रयुक्त आयुधों का पता लगाया. अपनी सेवा के लिए उले PDSA पशु चैरिटी द्वारा बहादुरी पदक भी दिया गया था, लेकिन जनवरी 2022 में बुढ़ापे में उनका दुखद निधन हो गया.
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