आज से लू की पहली लहर! दिल्लीवालो घर से निकलने से पहले यह पढ़ लें
दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) समेत उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में रहने वाले लोग अब तक के मौसम की खुशमिजाजी का जमकर लुत्फ उठा रहे थे. लेकिन आज से दिल्ली-एनसीआर समेत लगभग पूरे उत्तर भारत में जमीन तपने लगेगी, अब सूरज की धूप से तपिश ऐसी बढ़ेगी कि थोड़ी देर ही कड़ी धूप में खड़े होने पर लोगों के पसीने छूटने लगेंगे. लोगों के घरों के फैन फुल स्पीड पर फर्राट भरेंगे. एसी भी ऑन हो जाएंगे, क्योंकि दिल्ली में आज से लू की मार पड़ने वाली है. इसी के साथ गर्मी के कहर की शुरुआत भी हो जाएगी.
दिल्ली में लू को लेकर क्या भविष्यवाणी
आज से 3 दिनों के लिए मौसम विभाग की तरफ से लू का येलो अलर्ट जारी किया है. हवाओं की रफ्तार में कमी आते ही तापमान एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन दिन तापमान 40 से 42 डिग्री तक रह सकता है. दिल्ली में इस समय तापमान सामान्य से 3 डिग्री अधिक है, जो 38 से 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास है. आईएमडी ने शुक्रवार को भी बताया था कि अगले 6 दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत में लू चलने और दिल्ली में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचने का अनुमान है.
कब तक चलेगी लू, कब मिलेगी राहत
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में 7,8 और 9 अप्रैल के दिन लू चलेगी. इसका मतलब ये है कि आज से लोगों के लू के गर्म थपेड़ों की मार झेलनी होगी. इसलिए मौसम विभाग ने 9 दिन के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. हालांकि इसके बाद हल्के बादल छाने की वजह से इससे मामूली राहत मिलने की बात कही गई है. मौसम विभाग ने लोगों को आने वाले दिनों में भीषण गर्मी के लिए तैयार रहने को कहा गया है. राजस्थान लेकर दिल्ली और गुजरात में पहले से ही गर्मी का अहसास हो रहा है. इन जगहों पर आने वाले दिनों में पारा और ऊपर चला जाएगा.
राजस्थान में भी भीषण लू चलेगी. गुजरात और सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में लू चल रही हैं, उत्तर भारत के पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में भी लू चल सकती है. दिल्ली में इस समय तापमान सामान्य से 3 डिग्री अधिक है, जो 38 से 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास है. 7 अप्रैल से लू चलने लगेगी. 8 से 10 अप्रैल के बीच पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है, जिससे आंधी, तेज हवाएं और बारिश हो सकती है.
हीट वेव से बचने के लिए क्या नुस्खे
हीटवेव से बचने के लिए कुछ आसान और कारगर नुस्खे अपनाए जा सकते हैं, जो आपको गर्मी के कहर से सुरक्षित रखेंगे---
- खूब पानी पिएं: लू चलने के दौरान दिनभर में ढेर सारा पानी पीते रहें. इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी. नींबू पानी, नारियल पानी या छाछ जैसी चीजें भी ले सकते हैं.
हल्के कपड़े पहनें: लू के दौरान ढीले-ढाले, हल्के रंग के और सूती कपड़े पहनने चाहिए. गर्मी में हल्की स्पोर्टस टी शर्ट पहन सके तो ज्यादा अच्छा है.
धूप से बचें: गर्मी के मौसम में अमूमन 4 बजे के बीच, जब धूप सबसे तेज होती है, तब बाहर निकलने से बचें. अगर जाना जरूरी हो तो छाता, टोपी या स्कार्फ, गमछा इस्तेमाल करें.
हल्का खाना खाएं: इस दौरान हल्का-फुल्का या हेल्थी खाना खाएं. तरबूज, खीरा, संतरा और हरी सब्जियां खाएं, जो शरीर को ठंडक दें.
लू के लक्षणों पर नजर रखें: अगर चक्कर, सिरदर्द, उल्टी या कमजोरी महसूस हो, तो तुरंत छांव में जाएं, पानी पिएं और डॉक्टर से संपर्क करें.
बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें: इनकी सेहत पर गर्मी का असर जल्दी होता है, इसलिए इन्हें हाइड्रेटेड रखें और धूप में न ले जाने से परहेज करें.
स्कूल जाने वाले बच्चों का कैसे ख्याल रखें
गर्मी में स्कूल जाने वाले बच्चों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है, खासकर तब जब लू चल रही हो. क्योंकि उनकी सेहत पर हीटवेव का असर जल्दी हो सकता है. बच्चों को एक भरी हुई पानी की बोतल दें और उन्हें दिनभर थोड़ा-थोड़ा पानी पीने की आदत डालें. बच्चों को ग्लूकोज मिला पानी भी दे सकते हैं. बच्चों को ढीले, हल्के रंग के और सूती कपड़े पहनाएं. स्कूल यूनिफॉर्म के साथ हल्का कॉटन इनर भी दे सकते हैं, टोपी या कैप जरूर लगाएं. बच्चों को दही, फल (तरबूज, खीरा, संतरा), या दलिया जैसा हल्का खाना दें.
बुजर्गों के लिए डॉक्टरों की क्या सलाह है
गर्मी में बुजुर्गों की सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी है, क्योंकि उनकी उम्र के कारण शरीर गर्मी और डिहाइड्रेशन को आसानी से सहन नहीं कर सकता. बुजुर्गों को दिनभर में पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी जाती है, भले ही उन्हें प्यास कम लगे. हो सके तो पानी, नारियल पानी, छाछ या ओआरएस (ORS) या मनपंसद लिक्विड ले सकते हैं. सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है. अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो छाता, टोपी और हल्के रंग के कपड़े इस्तेमाल करने को कहा जाता है. हल्का और पौष्टिक खाना खाएं. फल (तरबूज, खरबूजा, संतरा), सब्जियां (खीरा, लौकी), दही और हल्का सूप लें, छोटे-छोटे अंतराल में थोड़ा-थोड़ा खाना बेहतर है.
गाड़ियों पर हीट वेव का क्या असर
हीटवेव यानि लू का असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं, बल्कि गाड़ियों पर भी पड़ता है. गर्मियों में कार में आग लगने के मामले भी बढ़ जाते हैं. ऐसे में खास एहतियात बरतने की दरकरार है. जैसे-जैसे पारा बढ़ता है, वैसे-वैसे गाड़ियों के इंजनओवर हीट करने लगते हैं, तेज गर्मी में इंजन ज्यादा गर्म हो सकता है, खासकर अगर गाड़ी लंबे समय तक धूप में खड़ी हो. इससे कूलिंग सिस्टम पर दबाव बढ़ता है, जिससे इंजन में गड़बड़ी का खतरा बना रहता है. ज्यादा तापमान ईवी व्हीकल्स के लिए और बड़ी समस्या है. गर्मी से बैटरी का तरल (इलेक्ट्रोलाइट) जल्दी सूखता है, जिससे चार्जिंग और स्टार्टिंग में दिक्कत हो सकती है. गर्म सड़कें और हवा का बढ़ता टायर ब्लोआउट का खतरा बढ़ाते हैं.
एयर कंडीशनिंग पर जोर: AC को ठंडा रखने के लिए इंजन को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे फ्यूल की खपत बढ़ती है और इंजन पर अधिक दबाव पड़ता है.
पेंट और इंटीरियर को नुकसान: ज्यादा तेज धूप में गाड़ी का पेंट फीका पड़ सकता है और डैशबोर्ड, सीटें या प्लास्टिक के हिस्से भी खराब हो सकते हैं.
पार्किंग: गाड़ी को छांव में या ढके हुए स्थान (जैसे गैरेज) में पार्क करने की कोशिश करें. मुमकिन हो तो विंडशील्ड और खिड़कियों पर सन शेड लगाएं
कूलेंट चेक करें: इंजन का कूलेंट लेवल रेगुलर देखते रहे. ओवरहीटिंग से बचने के लिए रेडिएटर को साफ रखें. टायरों का प्रेशर चेक करें.
बैटरी की देखभाल: बैटरी टर्मिनल्स को साफ रखें और पानी का स्तर जांचें. गर्मी से पहले गाड़ी की सर्विस करवाएं, जिसमें ऑयल चेंज, फिल्टर चेक और कूलिंग सिस्टम की जांच शामिल हो.
मौसम विभाग का हीट वेव का फॉर्म्युला क्या है
मौसम विभाग के अनुसार, जब अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री या उससे ज्यादा ऊपर हो और कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचे, तो उसे हीटवेव डे यानि लू कहा जाता है. अगर तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा हो जाए, तो भी इसे भी हीटवेव माना जाता है. वहीं, अगर तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री या उससे ज्यादा ऊपर चला जाए, तो इसे 'गंभीर' हीटवेव घोषित किया जाता है.
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