बंटवारा हो तो शहरबन्नी से दिल्ली तक हो... चिराग ने चाचा से मांगा प्रॉपर्टी पर पूरा हक
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच संपत्ति विवाद और पारिवारिक तनाव अब सार्वजनिक होता जा रहा है. चिराग पासवान ने अपने चाचा पर आरोप लगाया है कि पहले उन्होंने उन्हें और उनकी मां रीना पासवान को दिल्ली स्थित सरकारी बंगले से बाहर निकाला, और अब वह उनकी बड़ी मां राजकुमारी देवी को भी शहरबन्नी से निकालना चाहते हैं.
चिराग पासवान ने हाल ही में खगड़िया जिले के अलौली पहुंचकर अपनी बड़ी मां राजकुमारी देवी से मुलाकात की. इस दौरान बातचीत के क्रम में बड़ी मां की आंखों में आंसू छलक आए. चिराग ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और कहा कि यह पूरा विवाद सिर्फ संपत्ति को लेकर है. उनका साफ कहना है कि यदि बंटवारा होना ही है तो वह शहरबन्नी से लेकर दिल्ली तक की सभी संपत्तियों का होना चाहिए.
हर विवाद के पीछे हैं चाचा पारस: चिराग पासवान
मीडिया से बातचीत में चिराग पासवान ने कहा कि चाचा पशुपति पारस ही परिवार में हर विवाद की जड़ हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पारस राजनीतिक और आर्थिक महत्वाकांक्षाओं के चलते परिवार को तोड़ने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जबसे पापा (स्वर्गीय रामविलास पासवान) का निधन हुआ है, तबसे ही चाचा की नीयत संपत्तियों पर कब्जा जमाने की रही है.
उन्होंने आगे कहा कि उनकी चाची शोभा देवी और स्वर्गीय रामचंद्र पासवान की पत्नी सुनीता देवी ने भी उनके साथ ऐसा ही बर्ताव किया. चिराग ने आरोप लगाया कि चाची शोभा देवी बड़ी मां का सामान बाहर फेंक चुकी हैं और अब उन्हें भी शहरबन्नी घर से निकाले जाने का प्रयास किया जा रहा है.
मुझे जानकारी नहीं दी गई संपत्तियों की: चिराग पासवान
चिराग ने कहा कि यदि चाचा पारस संपत्तियों का बंटवारा चाहते हैं तो वह पूरा विवरण साझा करें. चिराग पासवान ने कहा कि ऐसी कोई संपत्ति नहीं बची है जिसकी जानकारी उन्होंने मुझे दी हो. मैं चाहता हूं कि परिवार की सभी संपत्तियों का पारदर्शी तरीके से बंटवारा हो.
चिराग ने दावा किया कि उन्हें और उनकी मां को दिल्ली के सरकारी बंगले से निकालने के बाद अब बड़ी मां को भी उसी तरह निकाले जाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर परिवार को ही सड़क पर लाना था तो ये काम और भी तरीकों से हो सकता था. लेकिन यह पूरा फैसला पारस जी का एकतरफा है.
राजनीतिक रंग ले रहा है पारिवारिक विवाद
इस विवाद को लेकर अब राजनीतिक तूल भी पकड़ता दिख रहा है. पशुपति पारस ने हाल ही में एक कार्यक्रम में चिराग पर राजनीतिक साजिश के तहत पिता रामविलास पासवान के सिद्धांतों को तोड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वक्फ बिल का समर्थन कर चिराग ने दिवंगत पिता के मूल विचारों से गद्दारी की है.
पारस ने दावा किया कि चिराग के बयानों और गतिविधियों के पीछे राजनीतिक चालें हैं, ताकि जनता की सहानुभूति बटोरी जा सके. उन्होंने कहा कि मैं ही रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी हूं, चिराग सिर्फ पार्टी पर कब्जा जमाना चाहते हैं.
पारिवारिक विवाद ने लिया कानूनी मोड़
इस बीच, राजकुमारी देवी ने अपनी देवरानियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए अलौली थाने में केस भी दर्ज कराया है. इस मामले में पुलिस जांच शुरू हो गई है और परिवार के अन्य सदस्य भी बयान देने के लिए सामने आ रहे हैं. सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान की बड़ी मां को लेकर गांव में भी समर्थन की लहर है. ग्रामीणों का कहना है कि राजकुमारी देवी ने हमेशा गांव और परिवार के लिए त्याग किया है और उनके साथ ऐसा व्यवहार निंदनीय है.
इस विवाद का असर चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों के राजनीतिक भविष्य पर पड़ सकता है. जहां चिराग खुद को रामविलास पासवान का असली राजनीतिक उत्तराधिकारी बताते हैं, वहीं पारस भी पार्टी पर अपना अधिकार जताते हैं. दोनों के बीच पार्टी की कमान और संपत्तियों को लेकर चल रही लड़ाई अब सार्वजनिक मंचों पर खुलकर सामने आ चुकी है.
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